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सोमवार, 16 जनवरी 2012

इज़रायल में विश्व हिंदी दिवस, 2012

प्रस्तुतकर्ता Kavita Vachaknavee पर 5:32 pm लेबल: Genady Shlomper, Hindi, Hindi : as international language, Tel-Aviv, World Hindi Day


 इज़रायल के तेल-अवीव विश्वविद्यालय में विश्व हिंदी दिवस, 2012
डॉ. गेनादी श्लोम्पेर
(हिन्दी आचार्य : तेल-अवीव विश्वविद्यालय)



12 जनवरी 2012 को इज़रायल के तेल-अवीव विश्वविद्यालय में विश्व हिंदी दिवस बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया गया। यहाँ हिंदी दिवस मनाने की परंपरा सन 2000 में शुरू हुई थी जब तेल-अवीव विश्वविद्यालय के पूर्वी एशिया अध्ययन विभाग में हिंदी का कोर्स चलाया गया। शुरू शुरू में हिंदी दिवस शिक्षा वर्ष की समाप्ति का प्रतीक था। 


विद्यार्थी हिंदी समारोह में हिंदी की उस जानकारी का प्रदर्शन करते थे जिसे साल भर के श्रम से धारण कर लेते थे। शुरू से ही हमने औपचारिकता को टाल दिया। हमारे यहाँ हिंदी के महत्त्व पर तूल भाषण नहीं होते। अधिकारियों के भाषणों से हमने विद्यार्थियों की गतिविधियों को प्राथमिकता दी है। सभी हिंदी दिवस रंगमंचीय रूप लेकर मनाए गए। उन तमाशों में संचालन करनेवालों और अभिनेताओं की भूमिकाएँ विद्यार्थी ही निभाते हैं। हाँ, समारोह की तैयारियों का मुख्य बोझ हिंदी के अध्यापक को उठाना पड़ता है। लेकिन समारोह के जो परिणाम होते हैं, उनसे सब प्रयत्नों की भर-पाई होती है। हिंदी दिवस सही मायनों में एक त्यौहर बन जाता है। विद्यार्थी बच्चों की तरह खुश होते हैं। हिंदी भाषा नाटक, कविता, गाना और फ़िल्मी डायलॉग बनकर, ढल कर एकदम प्राणवान और कहीं ज़्यादा आकर्षक बन जाती है। 










जब 2006 में विश्व हिंदी दिवस मनाया जाने लगा, तो हमारे विश्वविद्यालय में भी हिंदी समारोह की तिथि  10 जनवरी तय कर दी गयी। तब से भारतीय राजदूतावास भी हिंदी दिवस के आयोजन में हमारी सहायता करने लगा। हर समारोह का श्रीगणेश भारतीय राजदूत करते हैं। इस तरह हमारे उत्सवों में चार-चाँद लगे।


पिछले बरसों में हमने हिंदी समारोह आयोजित करने में काफ़ी अनुभव प्राप्त किया है, और हमारे कार्यक्रम साल बसाल ज्यादा रंगीन और प्रभावशाली होते गये हैं। हर एक समारोह का अपना अपना विषय होता है। उदाहरण के लिये एक समारोह महात्मा गांधी को समर्पित था। एक और समारोह हिंदी की उन्नति के परिप्रेक्ष्य के बारे में था।


 इस वर्ष हिंदी दिवस का विषय था ‘भारत का साहित्य’। भारतीय साहित्य की चर्चा करते हुए छात्रों ने तीन नाटक खेले। दो नाटक ‘पंचतंत्र’ की कहानियों पर आधारित थे, तथा एक नाटक प्रेमचंद के उपन्यास ‘रंगभूमि’ के एक अंश पर। हिंदी फ़िल्मों को भी हमारे कार्यक्रम में उचित जगह मिली। विद्यार्थियों ने हिंदी फ़िल्मों के एकाध दृश्यों को अभिनीत किया और कई गाने गाए।


 एक प्रथा के अनुसार समारोह के अंत में भारतीय साहित्य और संस्कृति पर प्रश्नोत्तरी की गयी, जिसमें कई छात्रों ने गहरी जानकारी प्रदर्शित करके पुरस्कार जीते। यह पुरस्कार उन्हें भारतीय राजदूतावास के प्रथम सचिव श्री झा ने दिये। समारोह में आए हुए सैकड़ों हिंदी प्रेमियों ने ज़ोर की तालियों से विद्यार्थियों का प्रोत्साहन किया।


























































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स्थान: Tel Aviv University, Tel Aviv, Israel

3 टिप्‍पणियां:

  1. Dr. Rajrani Sharma17 जनवरी 2012 को 9:39:00 am GMT-6 बजे

    अति उत्तम प्रयास है ---मन बहुत खुश भी हुआ और प्रभावित भी ---विशेष रूप से यह पढकर कि ---हिंदी दिवस पर बड़े बड़े भाषण ना होकर विद्यार्थियों से कार्यक्रम करवाए गए ---इसी को सार्थकता कहते हैं अधिकांश कार्यक्रम सफल तो होते हैं पर ये सार्थक कि कोटि में आता है आप लोग देश से दूर रह कर भी निज भाषा की सेवा कर रहे हैं ये हमारे लिए बहुत ही प्रेरणादायक बात है ----धन्य हैं आप

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. Kavita Vachaknavee19 जनवरी 2012 को 7:19:00 am GMT-6 बजे

      धन्यवाद राजरानी जी। इसका श्रेय प्रो. गेनादी जी को जाता है। मुझे भी कार्यक्रमके चित्र देखकर इसी कारण विशेष हर्ष हुआ था।

      हटाएं
      उत्तर
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    2. जवाब दें
  2. Kavita Vachaknavee19 जनवरी 2012 को 7:46:00 am GMT-6 बजे

    फेसबुक पर आई शेष टिप्पणियों के लिए यहाँ देखें -

    https://www.facebook.com/kvachaknavee/posts/264518433614239

    जवाब देंहटाएं
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