शुक्रवार, 1 मई 2020

विश्वम्भरा : वर्तमान कलेवर

आज हम कहाँ हैं : आचार्य कविता वाचक्नवी 


संस्था का इतिहास व संक्षिप्त औपचारिक परिचय वर्ष 2001 में इस पृष्ठ कड़ी पर लिखे जाने के पश्चात्, अब 'विश्वम्भरा हिन्दी-लेखिका संघ' (भारतवंशी लेखिकाओं का संगठन), विश्वम्भरा हिन्दी-संघ (अमेरिका, भारत व योरोप में भाषा के प्र्योजनमूलक पक्षों के विस्तार व संवर्धन हेतु), विश्वम्भरा वैदिक स्वाध्याय (भारतीय वैदिक वाङ्मय, शिक्षा आदि पक्षों के प्रचार-प्रसार हेतु) अधुनातन माध्यमों व विधियों से अनेकानेक क्षेत्रों में  शिशुओं से लेकर वृद्धावस्था तक के लोगों हेतु कार्य कर रही है।  

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